A Simple Key For hanuman chalisa Unveiled
वन उपवन मग गिरि गृह माहीं, तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं ।लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे । लाये संजिवन प्राण उबारे ॥कंचन थार कपूर लौ छाई । आरती �
वन उपवन मग गिरि गृह माहीं, तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं ।लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे । लाये संजिवन प्राण उबारे ॥कंचन थार कपूर लौ छाई । आरती �